शरीर में पथरी कैसे बनती है और इसे कैसे दूर करें: पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक जानकारी
आजकल बहुत से लोग पथरी (Stone) की समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या किडनी, गॉलब्लैडर (पित्ताशय), यूरिनरी ट्रैक्ट आदि में हो सकती है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इसके पीछे कई कारण बताता है। साथ ही भारतीय पारंपरिक मान्यताओं और तंत्र विद्या (Tantra), पित्री माता (Patri Mata) जैसे लोक विश्वासों में भी इसे समझने और ठीक करने के अलग दृष्टिकोण बताए गए हैं।
_इस लेख में हम यह जानेंगे:
पथरी क्या है
सामान्य भाषा में कहें तो पथरी का मतलब है किसी द्रव में कठोर पदार्थ का जम जाना।
जब हमारे शरीर के किसी अंग (जैसे किडनी, पित्ताशय आदि) में खनिज और लवण (minerals and salts) धीरे-धीरे जम जाते हैं, तो वहां एक ठोस गांठ या कण (stone) बन जाता है।
यह stone आकार में छोटा या बड़ा हो सकता है। जब यह मूत्र या पित्त के प्रवाह को रोकता है, तब दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं।
पथरी बनने के कारण
आधुनिक चिकित्सा के अनुसार पथरी बनने के कुछ प्रमुख कारण होते हैं:
पानी कम पीना – शरीर में पानी की कमी से मूत्र गाढ़ा हो जाता है और लवण जमने लगते हैं।
भोजन में अत्यधिक कैल्शियम या ऑक्सलेट होना – कुछ खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से।
मेटाबोलिक समस्याएं – कुछ लोगों में खनिजों के अवशोषण और उत्सर्जन में गड़बड़ी होती है।
अनुवांशिक कारण – यदि परिवार में पहले किसी को पथरी रही हो तो यह संभावना बढ़ जाती है।
अनियमित दिनचर्या – देर रात तक जागना, गलत खानपान आदि।
पथरी के लक्षण
अगर आपके शरीर में पथरी बन गई है, तो इसके सामान्य लक्षण हो सकते हैं:
कमर के एक तरफ तेज दर्द
पेशाब करते समय जलन या दर्द
बार-बार पेशाब आना
पेशाब में खून आना
उल्टी या मतली
पेट में भारीपन
यदि ऐसे लक्षण लगातार बने रहें तो चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
पथरी को हटाने के आधुनिक उपाय
आज के समय में पथरी को हटाने के कई आधुनिक तरीके उपलब्ध हैं:
1. भरपूर पानी पीना
दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए।
पानी की अधिकता से छोटे आकार की पथरी अपने आप पेशाब के माध्यम से निकल सकती है।
2. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं
कई बार चिकित्सक पथरी को तोड़ने और पेशाब के रास्ते बाहर निकालने के लिए दवाएं देते हैं।
यह तरीका विशेषकर छोटी पथरी के लिए प्रभावी होता है।
3. अल्ट्रासोनिक उपचार (Shock Wave Lithotripsy)
इस प्रक्रिया में पथरी को अल्ट्रासाउंड तरंगों से छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है।
इसके बाद टुकड़े मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाते हैं।
4. सर्जरी
जब पथरी का आकार बड़ा हो या अन्य तरीके से न निकले, तब सर्जरी की जाती है।
यह एक सामान्य प्रक्रिया है, अनुभवी चिकित्सकों द्वारा की जाती है।
तंत्र और लोक मान्यता में पथरी
भारत में कई स्थानों पर पित्री माता (Patri Mata) या स्थानीय देवी के स्थानों पर पथरी से मुक्ति के लिए विशेष प्रार्थना या तांत्रिक विधियां भी की जाती हैं।
इन परंपराओं में यह माना जाता है कि:
शरीर में पथरी बनने के पीछे ऊर्जा असंतुलन (energy imbalance) भी एक कारण हो सकता है।
विशेष मंत्र-जप या पूजा विधि से इस असंतुलन को ठीक किया जा सकता है, जिससे शरीर के प्राकृतिक उपचार तंत्र को सहायता मिलती है।
कई लोग मानते हैं कि पितृ दोष (pitru dosha) या नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से भी ऐसी समस्याएं हो सकती हैं, और तांत्रिक पूजा से राहत मिलती है।
लेकिन ध्यान रखें:
पारंपरिक उपायों के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा को न छोड़ें। यदि लक्षण गंभीर हैं तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
लोक मान्यताओं का उद्देश्य मनोबल और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाना होता है, यह चिकित्सा का विकल्प नहीं है।
कुछ पारंपरिक उपाय (सहायक रूप में)
कुछ सामान्य घरेलू उपाय भी लोग करते हैं (यह केवल सहायक उपाय हैं, चिकित्सा का स्थान नहीं):
अजवाइन और शहद – गर्म पानी में अजवाइन का रस और शहद मिलाकर पीना।
तुलसी का रस – तुलसी के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन।
नींबू का रस – पानी में नींबू का रस मिलाकर दिन भर में कई बार पीना।
पानी में ककड़ी (खीरा) का रस – मूत्र को पतला करने में सहायक।
ये उपाय केवल छोटे stones के लिए सहायक होते हैं। यदि दर्द बढ़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
शरीर में पथरी बनना एक आम समस्या है, लेकिन यदि समय पर सही उपाय करें तो इसे रोका जा सकता है या सरलता से हटाया जा सकता है।
पानी भरपूर पीना
संतुलित आहार लेना
अनियमित जीवनशैली को सुधारना
इसके साथ यदि आप चाहें तो पारंपरिक पूजा या तांत्रिक उपायों को आध्यात्मिक सहायक रूप में कर सकते हैं। इससे मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
लेकिन याद रखें — वैज्ञानिक उपचार को प्राथमिकता दें। पथरी की स्थिति के अनुसार डॉक्टर की सलाह लेना सबसे महत्वपूर्ण है।