
Story
एक छोटे से गाँव में, एक व्यक्ति अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खुशी-खुशी अपना जीवन बिता रहा था। हर सुबह वह तालाब के किनारे से गुजरता, जहाँ का पानी शांत और वातावरण बेहद सुखद था। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था, लेकिन अचानक एक दिन कुछ ऐसा घटित हुआ जिसने उसकी दुनिया को हिला दिया। उसके घर के अंदर खून के निशान दिखाई दिए। उसने सोचा कि यह कोई मामूली घटना होगी, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चों के चेहरों पर स्पष्ट भय था।
कुछ दिनों बाद, उस व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने लगी। धीरे-धीरे उसकी सेहत और स्थिति deteriorate होती गई। उसकी पत्नी चिंतित थी, और उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्यों हो रहा था। लेकिन कहते हैं, अगर कर्म अच्छे हों, तो भगवान भी सहायता करते हैं। उसी समय, एक साधु गर्मी के मौसम में उनके गाँव से गुजर रहे थे। प्यास और भूख से परेशान साधु ने उनके घर से पानी मांगा।
जब साधु ने घर की स्थिति देखी, तो उन्हें समझ में आ गया कि यहाँ कुछ असामान्य हो रहा है। साधु ने उस व्यक्ति की पत्नी को बताया कि उसके पति की अच्छी स्थिति को देखकर किसी की नजर लग गई थी और यही सब कुछ हो रहा था। साधु ने अपनी शक्तियों से सब कुछ ठीक किया और आगे बढ़ गए।
साधु ने कहा, “समय के अनुसार, जो भी होता है, वह हमारी किस्मत और हमारे कर्मों के अनुसार होता है।” साधु का आशीर्वाद मिलते ही, उस परिवार का जीवन फिर से खुशहाल हो गया।
कहानी की सीख:
जीवन में समय और कर्म का गहरा संबंध होता है। हमें कभी भी कठिनाइयों से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि समय के साथ चीजें बदलती हैं, और हमारा विश्वास और कर्म ही हमारे जीवन का मार्ग निर्धारित करते हैं।
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