Tujhko Aata Hai Har Ek Dukh Ka Madhawa Karna || तुझ को आता है हर इक दुख का मुदावा करना

Tujhko Aata Hai Har Ek Dukh Ka Madhawa Karna ||  मुहम्मद मुस्तफ़ा मुझ पर करम फ़रमाइए नबी की याद है सरमाया ग़म के मारे हुए लोगों कायही तो एक वसिला है बेसहारे लोगों काहुज़ूर चश्म-ए-इन्हायत, हुज़ूर चश्म-ए-करमयही वज़ीफ़ा है दिन-रात बेकरारों का तुझ को आता है हर इक दुख का...

Dekhne Ko Ya Muhammad Yun To Kya Dekha Nahin | देखने को, या मुहम्मद! यूँ तो क्या देखा नहीं

Dekhne Ko Ya Muhammad Yun To Kya Dekha Nahin | देखने को, या मुहम्मद! यूँ तो क्या देखा नहीं ख़ुदा का नूर तुझ में हू-ब-हू हैख़ुदा पिन्हा मगर तू रू-ब-रू हैतेरी अज़मत का अंदाज़ा हो किस कोख़ुदा है और ख़ुदा के बाद तू है कोई आप सा देखा नहीं, कोई आप सा देखा नहीं देखने को या...
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