बगलामुखी साधना: विरोधियों पर विजय और जीवन की स्थिरता के लिए एक प्रभावशाली साधना

बगलामुखी साधना: विरोधियों पर विजय और जीवन की स्थिरता के लिए एक प्रभावशाली साधना

भारतीय तांत्रिक परंपरा में देवी बगलामुखी को एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमयी शक्ति के रूप में माना जाता है। उन्हें “स्तंभन शक्ति” कहा जाता है — जो अन्याय, विरोध, झूठे आरोपों और मानसिक अशांति को रोकने की क्षमता रखती हैं। बगलामुखी साधना का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं होता, बल्कि उस नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करना होता है जो हमें नुकसान पहुंचा रही होती है।

यदि आप किसी कोर्ट केस में फंसे हैं, किसी झूठे आरोप या विरोध का सामना कर रहे हैं, या कार्यस्थल की राजनीति से परेशान हैं — तो यह साधना आपके लिए लाभदायक हो सकती है।

देवी बगलामुखी कौन हैं?

देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। उन्हें वह शक्ति माना जाता है जो शत्रु की वाणी, बुद्धि और नकारात्मक विचारों को रोक देती हैं। उनके उपासक मानते हैं कि वह सत्य की रक्षा करती हैं और अन्याय के खिलाफ खड़े होने की शक्ति देती हैं।

उनकी पूजा का उद्देश्य किसी का विनाश नहीं है, बल्कि केवल उस नकारात्मक प्रभाव को निष्क्रिय करना है जो हमारे जीवन में रुकावटें पैदा कर रहा है।

बगलामुखी साधना किसके लिए है?

यह साधना उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो:

  • कोर्ट केस या कानूनी विवाद में फंसे हैं

  • झूठे आरोपों या बदनामी का शिकार हो रहे हैं

  • कार्यस्थल पर साजिश या राजनीति से पीड़ित हैं

  • नौकरी या व्यापार में अस्थिरता से जूझ रहे हैं

यह साधना कोई तामसी तंत्र क्रिया नहीं है। यह एक सात्विक रक्षा प्रणाली है, जो संयम और शुद्ध भाव से की जाती है।

साधना प्रारंभ करने से पहले क्या करें

  1. मानसिक रूप से तैयार रहें। साधना से पहले तीन दिन तक हर रात शांति से बैठें और अपने जीवन की समस्याओं को स्पष्ट रूप से पहचानें।

  2. अपने मन को शांत करें और नकारात्मक भावना या बदले की भावना से मुक्त करें।

  3. यह समझ लें कि यह साधना न्याय के लिए है, न कि प्रतिशोध के लिए।

घर पर बगलामुखी साधना कैसे करें

आवश्यक सामग्री:

  • पीला आसन

  • बगलामुखी की तस्वीर या यंत्र

  • गाय के घी का दीपक

  • हल्दी की माला

  • चंदन या केसर का तिलक

  • पीला वस्त्र

  • एक गिलास जल

प्रक्रिया (7 या 11 दिनों की साधना):

  1. रात 9 से 11:30 के बीच एकांत स्थान पर साधना करें।

  2. घी का दीपक जलाएं और देवी के सामने बैठें।

  3. चंदन का तिलक लगाएं और हल्दी की माला लें।

  4. आँखें बंद करें और 5 मिनट ध्यान करें।

  5. फिर नीचे दिया गया मंत्र 108 बार जाप करें:

    “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलं बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”

  6. मंत्र जाप के बाद जल पर फूंक मारें और उसे पी लें।

यह क्रिया प्रतिदिन 7 या 11 दिन तक करें। अंतिम दिन देवी को पीले प्रसाद (जैसे बेसन के लड्डू) का भोग लगाएं।

साधना के दौरान अनुभव

साधना के समय निम्न अनुभव हो सकते हैं:

  • तीव्र और स्पष्ट स्वप्न

  • शत्रुओं या विरोधियों की गतिविधियों में अचानक रुकावट

  • कानूनी या पेशेवर मामले में अप्रत्याशित सकारात्मक परिवर्तन

  • मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि

इन अनुभवों को लेकर घबराएं नहीं। यह साधना के प्रभाव हैं।

क्या सावधानी रखनी चाहिए?

  • इस साधना को करने वाला व्यक्ति संयमी और उद्देश्य में स्पष्ट होना चाहिए।

  • गलत या नकारात्मक उद्देश्य से साधना करने पर मानसिक अशांति हो सकती है।

  • साधना के दौरान किसी से वाद-विवाद, अपशब्द या क्रोध से बचें।

याद रखें, यह एक ऊर्जा संतुलन की साधना है, न कि किसी को दबाने या नष्ट करने की क्रिया।

साधना के बाद क्या करें?

  • 21 दिनों तक उस व्यक्ति से संपर्क न करें जिसके लिए आपने साधना की है।

  • हर शनिवार को सेंधा नमक या नींबू मिले पानी से स्नान करें।

  • सोशल मीडिया और सार्वजनिक जीवन में मौन व संयम बनाए रखें।

  • हर शनिवार रात एक माला मंत्र का जाप करते रहें।

कुछ वास्तविक उदाहरण (अनाम रूप में)

स्थितिप्रभाव
गलत केस में फंसे व्यापारीकेस स्थगित, शिकायतकर्ता शांत
ऑफिस में झूठी अफवाहों का शिकार महिलाअफवाहें बंद, काम का वातावरण सुधरा
निलंबन की धमकी झेल रहे शिक्षकआंतरिक जांच बिना कारण बंद
नौकरी साक्षात्कार में बार-बार असफल छात्रपहली बार चयन हुआ

ये उदाहरण किसी प्रचार के लिए नहीं, बल्कि साधना की गंभीरता और प्रभाव को समझने के लिए दिए गए हैं।

कब किसी गुरु या अनुभवी साधक से  करें?

  • जब समस्या लंबे समय से बनी हो और साधना के बाद भी समाधान न दिखे

  • जब साधना के दौरान मानसिक बेचैनी या भय उत्पन्न हो

  • जब मामला कानूनी या पारिवारिक हिंसा तक पहुंच रहा हो

ऐसे समय पर किसी विश्वसनीय तांत्रिक या साधक से व्यक्तिगत मार्गदर्शन लेना श्रेष्ठ रहेगा।

मौन में शक्ति है

बगलामुखी साधना हमें यह सिखाती है कि हर लड़ाई को शोर से नहीं जीता जाता। कई बार शांति, आत्मनियंत्रण और ऊर्जा का संतुलन ही सबसे प्रभावी हथियार होते हैं।

यदि आप बिना लड़े, केवल ऊर्जा के संतुलन से अपनी रक्षा करना चाहते हैं, तो यह साधना आपके लिए है।

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