Baba Or Jinn भाग 1: जिन्न की घातक साजिश
गांव के बाहरी इलाके में एक पुरानी तालाब थी, जिसे लोग रात के समय से बहुत डरते थे। कहते थे कि वहां रात को कुछ अजीब घटनाएँ होती थीं। लोग कहते थे कि उस तालाब के पास कोई बुरी ताकत वास करती थी, एक जिन्न, जो रात के अंधेरे में वहां से गुजरने वाले लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेता था। खासकर लड़कियां उसके निशाने पर थीं।
यह कहानी एक असल घटना से प्रेरित है, जो गाँव के एक छोटे से स्थान पर घटित हुई थी। लड़की का नाम था सारिका यादव, और वह गांव के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित परिवार की बेटी थी। उसके पिता का नाम रामनाथ यादव था, जो गाँव के सम्मानित व्यक्तियों में गिने जाते थे। रामनाथ यादव की ख्याति उनके न्यायप्रिय स्वभाव और ईमानदारी के लिए दूर-दूर तक फैली हुई थी।
सारिका, एक सुंदर और निडर लड़की, अपने पिता के साथ उसी गांव में रहती थी। हालांकि गांव में बहुत से लोग रात के समय तालाब के पास जाने से डरते थे, सारिका इन डरावनी कहानियों को सिर्फ बकवास मानती थी। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ रात को तालाब के पास जाती, हालांकि हर कोई उसे इस बारे में चेतावनी देता था। लेकिन एक रात, जब उसने अकेले ही तालाब के पास जाने का फैसला किया, वह नहीं जानती थी कि उसकी जिंदगी में एक खौ़फनाक मोड़ आने वाला था।
वह जैसे ही तालाब के पास पहुँची, आकाश में बादल घिर आए और अंधेरा छा गया। एक हल्की सी ठंडी हवा चलने लगी, और सारिका ने महसूस किया कि कुछ ठीक नहीं है। तभी, अचानक तालाब के पानी में हलचल हुई, और उसमें से एक काली छाया उभरी। यह कोई साधारण मानव नहीं था। वह एक जिन्न था, जिसका रूप एक भयानक और डरावना था। उसके पास लाल जलती हुई आँखें थीं और शरीर पर आग की लपटें थीं।
सारिका ने कांपते हुए पूछा, “त-तुम कौन हो?”
जिन्न ने एक खौ़फनाक आवाज में कहा, “तुम मेरी शिकार बनोगी। रात का समय मेरे लिए है, और तुम अब मेरे कब्जे में हो।”
सारिका का दिल धड़कने लगा, लेकिन उसने घबराते हुए खुद को सम्हाला। वह जानती थी कि अगर वह डर जाएगी तो वह जिन्न के जाल में फंस जाएगी। उसके पास भागने का कोई रास्ता नहीं था, क्योंकि जिन्न की शक्ति बहुत बड़ी थी।
सारिका ने हिम्मत जुटाते हुए कहा, “तुम मुझे क्या करोगे? मैं डरने वाली नहीं हूँ।”
जिन्न ने उसे घूरते हुए कहा, “तुम मानोगी जब मैं तुम्हें अपने कब्जे में ले लूंगा।”
इसके बाद जिन्न ने धीरे-धीरे उसे अपनी ओर खींचना शुरू किया। सारिका महसूस करने लगी कि उसके शरीर में कोई अजीब सी ताकत घुस रही है। वह कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं थी। उसका शरीर कमजोर पड़ने लगा, और वह धीरे-धीरे तालाब की ओर खींची जा रही थी।
तभी सारिका को एक पुरानी याद आई। गांव में एक Baba रहते थे, जिनकी तंत्र-मंत्र में गहरी पकड़ थी। गांव वाले उन्हें “तंत्र-मंत्र के ज्ञाता बाबा” के नाम से जानते थे। कहते थे कि बाबा के पास कोई भी बुरी ताकत नहीं टिक सकती। वह कई बार बुरी आत्माओं और जिन्नों से गांव को बचा चुके थे। अगर कोई इस समय उसे बचा सकता था, तो वह बाबा ही थे।
सारिका ने उसी पल ठान लिया कि उसे किसी भी कीमत पर Baba के पास जाना होगा। लेकिन क्या वह Baba के पास पहुँच पाएगी? क्या वह समय रहते Baba से मदद मांग पाएगी, और क्या बाबा उसे जिन्न से बचा पाएंगे? यह सवाल उसके मन में तेजी से दौड़ रहे थे, लेकिन उसकी हर कोशिश फेल हो रही थी। जिन्न के जादू की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह सिर्फ अपनी सोच को केंद्रित करने की कोशिश कर पा रही थी।
उसने अपने भीतर आखिरी उम्मीद को जगाते हुए Baba के पास जाने का निश्चय किया और तालाब से दौड़ते हुए Baba के घर की ओर बढ़ने लगी।
Trackbacks/Pingbacks